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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

कूणिका संज्ञा स्त्री॰ [सं॰] वीणा, सितार, सारंगी या चिकार आदि तंत्री बीजों की वह खूँटी जिसमें तार बँधे रहते हैं और समय समय पर जिसे मरोड़कर तार को ढीला या कडा़ करते है ।