कुल्ला
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादनकुल्ला ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ कवल] [स्त्री॰ कुल्ली]
१. मुँह को साफ करने के लिये उसमें पानी लेकर इधर उधर हिलाकर फेंकने की क्रिया । गरारा । क्रि॰ प्र॰— करना ।—फेंकना ।—होना ।
२. उतना पानी जितना एक बार मुँह में लिया जाय ।
कुल्ला ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰ कुल्या] ईख के खेत की वह हलकी सिंचाई, जो अंकुर निकलने पर होती है ।
कुल्ला ^३ संज्ञा पुं॰ [अ॰ कुल्लह] घोड़े का एक रग जिसमें पीठ की रीढ़ पर बराबर काली धारी होती है ।
२. इस रग का घोड़ा ।
कुल्ला ^४ संज्ञा पुं॰ [फा॰ काकुल, मि॰ सं॰ 'कुतल'] [स्त्री॰ कुल्ली] बाल । जुल्फ । काकुल । पट्टा ।
कुल्ला ^५ संज्ञा पुं॰ [अ॰ कुल्लह]
१. श्रृंग । चोटी ।
२. किसी भी वस्तु का शीर्षभाग ।
३. तलवार की मूठ । कब्जा [को॰] ।