कुलाबा
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादनकुलाबा संज्ञा पुं॰ [अ॰]
१. लोहे का जमुरका, जिसके द्वारा किवाड़ बाजू से जकड़ा रहता है । पायजा ।
२. मछली फँसाने का काँटा ।
३. जुलाहों के करघे की वह लकड़ी जो चकवा के बीच लगी रहती है ।
४. नाली जिसमें होकर पानी निकलता हैं । मौरी ।
५. जंजीर । सिकड़ी । उ॰—रूह करें मेराज कुफर का खोलि कुलाबा । तीसों रोजा रहैं अंदर में सात रिकाबा ।—पलटू॰, पृ॰ ४३ ।