प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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कुरुक्षेत्र संज्ञा पुं॰ [सं॰] एक बहुत प्राचीन तीर्थ, जो सरस्वती नदी के बाएँ किनारे पर अंबाला और दिल्ली के बीच में है । विशेष—ऋग्वेद के कई ब्राह्मणों में लिखा है कि प्राचीन काल में ऋषि लोग इसी स्थान पर यज्ञादि किया करते थे । अब तक यहाँ एक बहुत पवित्र और प्राचीन सरोवर के चिह्न वर्तमान हैं, जिसका नाम ऋग्वेद में 'सूर्य्यनावत' लिखा है । किसी समय में इसके अंतगत अनेक बडे़ और पवित्र तीर्थ थे, जिनके कुछ चिहनअबतक पाए जाते हैं । ऐसा प्रसिद्ध है कि यहाँ के ब्रम्हसर नामक सरोवर में परशुराम ने स्नान करके अपने आप को क्षत्रिय हत्या के पाप से मुक्त किया था और महाराज पुरूरवा ने इसी के किनारे बिछाडी़ हुई उर्वशी को फिर से पाया था । चद्रवंशी राजा कुरू इन्हीं सरोवरों में से किसी एक के तट पर बहुत दिनों तक तप करके गुप्त हुए थे । तभी से इसका नाम धर्मक्षेत्र और कुरूक्षेत्र पडा़ । महाभारत के प्रसिद्ध युद्ध के सिवा इस स्थान पर और भी अनेक बडे़ युद्ध हुए थे । पीछे से यही पर स्थाणु नामक महादेव की एक मूर्ति स्थापित हुई और (थानेसर) नामक नगर बसा, जहाँ राजा पुष्पमूर्ति ने वर्द्धन नामक राजवंश की प्रतिष्ठा की, जिसमें प्रसिद्ध महाराज हर्षवर्द्धन हुए । ग्रहण, पर्व आदि अवसरों पर अब भी यहाँ बहुत बडे़ बडे़ मेले लगते हैं ।