प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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कुंडा ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ कुण्डक] मिट्टी का बना हुआ चौडे़ मुँह का एक गहरा बरतन, जिसमें पानी, अनाज आदि रखा जाता है । बड़ा मटका । कछरा ।

कुंडा ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰ कुण्डल]

१. दरवाजे की चौखट में लगा हुआ कोढ़ा, जिसमें साँकल फँसाई जाती है और ताला लगाया जाता है ।

२. कुश्ती का एक पेंच । विशेष—इसमें नीचे आए हुए विपक्षी की दाहिनी और खडे़ होकर अपनी दाहिनी टाँग उसकी गरदन में बाईं तरफ से डालकर उसकी दाहिनी बगल से बाहर निकाल लेते हैं औऱ अपने बाएँ पैर के घुटने के अंदर अपने दाहिने मोजे को दबाकर उसके सिर पर बैठकर बाएँ हाथ से उसका जाँघिया पकड़कर उसे चित्त कर लेते हैं ।

कुंडा ^३ संज्ञा पुं॰ [लश॰] जहाज के अगले मस्तूल का चौथा खंड । निरकट । ताबर डोल ।

कुंडा ^४ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ कुण्डा] दुर्गा का एक नाम [को॰] ।