कीरी संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ कीट अथवा कीटिका]
१. महीन कीड़ेछोटे कीड़ी जो गेहूँ, जौ या चने की बाल के भीतर जाकर उसका दूध खा जाते हैं ।
२. चींटी । कीड़ी । उ॰—साई के सब जीव है कीरी कुंजर दोय ।—कबीर (शब्द॰) ।
३. बहुत छोटे कीड़े ।
४. व्याध या बहेलिया की स्त्री ।