कीक संज्ञा पुं॰ [अनु॰] चीत्कार । चीख । चिल्लाहट । शोरगुल । क्रि॰ प्र॰— देना ।—मारना । उ॰—तहुँ काक बिपुल शृंगाल गीध बलाक आमिष भखत हैं । योगिनी जमाति कारल काकै देत पल अभितखत हैं ।—रघुराज (शब्द॰) ।