प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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किरकिरा ^१ वि॰ [सं॰ कर्कट] कंकरीला । कंकड़दार । जिसमें महीन और कड़े रवे हों । मुहा॰—किरकिरा हो जाना = रंग में भंग हो जाना । आनंद में विघ्न पड़ना । बात बिगड़ जाना ।

किरकिरा ^२पु संज्ञा पुं॰ [सं॰ कृकल] शरीर में स्थित पाँच वायुओं में से एक, जो पाचन क्रिया में सहायिका होती है । उ॰—व्यान वायु अरु किरकिरा कूरम बाई जीत । नाग धनंजय देवदत्त दशबाई रणजीत ।—कबीर सा॰, पृ॰ २८० ।

किरकिरा ^३ संज्ञा पुं॰ [सं॰ कर्कट] लोहारों का एक औजार जिससे बड़ो और मोटे लोहे में छेद किया जाता है ।