प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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किर ^१पु अव्य॰ [सं॰ किल] मानों । उ॰—ऊँचा डूगर विखम थलु, लागा किर तारेहि ।—ढोला॰, दू॰ ६४८ ।

किर ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰] सुअर । वाराह [को॰] ।