किन्नर
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादनकिन्नर ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ किन्नर किन्नर] [स्त्री॰ किन्नरी] एक प्रकार के देवता । विशेष—इनका मुख धोड़े के समान होता है और ये संगीत में अत्यंत कुशल होते हैं । ये लोग पुलस्त्य ऋषि के वशंज माने जाते हैं । पर्या॰—तुरंगमुख ।—किंपुरुष—गीतमोदी ।
किन्नर ^३ †पु संज्ञा पुं॰ [सं॰ कन्दर] गुफा । खोह । कंदर । उ॰— कपि कुल विपन रीछ गिर किन्नर, सुर गुर सरग समावै— रघु॰ रू॰, पृ॰ १९१ ।