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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

कारणमाला संज्ञा स्त्री॰ [सं॰] हेतुओं की श्रेणी ।

२. काव्य में एक अर्थालंकार जिसमें किमी क्रण से उत्पन्न क्र्य पुनः किसी अन्यकार्य का कारण होता हुआ वर्णन किया जाय । जैसे—दल ते बल, बल ते विजय, ताते राज हुलास । कृत ते सुत, सुत ते सुयश, यश ते दिवि नहँ वास ।