प्रकाशितकोशों से अर्थ

सम्पादन

शब्दसागर

सम्पादन

काप्य ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. एक प्राचीनकालिक गोत्र जिसके प्रवर्तक कपि नामक ऋषि थे ।

२. आंगिरस ।

३. पाप (को॰) ।

काप्य ^२ वि॰ कपि के गोत्र में उत्पन्न । काप्य गोत्र का ।