कादर वि॰ [सं॰ कातर] १. डरपोक । भीरू । बुजदील । २. व्याकुल । अधीर । उ॰—(क) लाल बिनु कैसे चादर रहैगी आज कादर करत मोहिं बादर नए नए ।—श्रीपती (शब्द॰) । (ख) क्षण इक मन में शुरि कहोई । क्षण इक में कादर हो सोई ।—अनुराग, पृ॰ ४१ ।