प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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काठक संज्ञा पुं॰ [सं॰] कृष्ण यजुर्वेद का एक शाखा । उ॰—तैत्तिरीय संहिता ओर काठक संहिता से भी प्रगट होता है कि शुद्रों की गणना भी समाज के अंगों में होती थी ।—हिंदु॰ सभ्यता, पृ ८८ । यौ॰—काठकगृह्मसूत्र = एक सूत्र ग्रंथ का नाम । काठक संहिता = कृष्णयजुर्वेद का एक भाग या शाखा । काठकोपनिषद् = कठोपनिषद् ।