काजू
संज्ञा
- एक प्रकार का फल
प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
काजू संज्ञा पुं॰ [कोंक॰ काज्जु]
१. एक पेड जो मदरास, केरल, चढगाँव और उनासरिम आदि स्थानो में होता है । विशेष—इसकी छाल बहुत खुरदरी और लकडी सूर्ख होती है जिससे संदूक और सजावट के सामान तैयार होते हैं । इसके फलों की गिरी को भूनकर लोग खाते हैं । मींगी निकाली हुई गुठलियों के छिलकों से लोग एक प्रकार का तेल भी निकालते हैं जो तेजाब की तरह तेज होता है । इसके शरीर में लगते ही छाले पड जाते हैं । यह तेल पुस्तकों की जिल्दों में लगा देने से दीमको का डर नहीं रहता ।
२. इस वृक्ष का फल ।
३. इस वृक्ष के पल की गुठली के भीतर की मींगी या गिरी ।