प्रकाशितकोशों से अर्थ

सम्पादन

शब्दसागर

सम्पादन

काकण संज्ञा पुं॰ [सं॰] एक प्रकार का कोढ़ । विशेष—इस रोग में त्रिदोष के कारण रोगी के शरीर में गुँजा के समान लाल रंग के चकत्ते पड़ जाते हैं जिनमें बीच बीच में काले चिह्यन भी होते हैं । ये चकत्ते पकते तो नहीं, पर इनमें पीड़ा और खुजली बहुत अधिक होती है ।