काक
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादनकाक ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰] [सं॰ काकी]
१. कौआ ।
२. लँगड़ा व्यक्ति (को॰) ।
३. एक प्रकार का तिलक (को॰) ।
४. एक माप (को॰) ।
५. एक द्वीप (को॰) ।
६. कौओं की भाँति पानी में केवल सिर डुबाकर स्नान करना (को॰) ।
७. धूर्त व्यक्ति (को॰) ।
८. ढीठ या घृष्ट व्यक्ति (को॰) ।
काक ^२ संज्ञा पुं॰ [अं॰ कार्क] एक प्रकार की नर्म लकड़ी जिसकी डाट बोतलों में लगाई जाती है । काग ।
काक पु ^३ संज्ञा पुं॰ [हिं॰ काका] दे॰ 'काक' । उ॰—पुनि कन्ह काक गोइंद राइ । परिपुर्न क्रोध जे लगत लाइ ।—पृ॰ रा॰, १४ ।४० ।