काइम पु वि॰ [अ॰ का़यम] दे॰ 'कायम' । उ॰—(क) दिखाइ दीदार मौज बंदे कौ काइम करौ मिहाल ।—दादू॰, पृ॰ ५९७ । (ख) मरदूद तुझे मरना सही । काइम अकल करके कही ।—संत तुंरसी॰, पृ॰ ४१ ।