कल्ह † क्रि॰ वि॰ [सं॰ कल्य, कल्लि] दे॰ 'कल' । उ॰— कल्ह संध्या को ऐसी बदली छाई कि मेरे सिर में पीड़ा आई । — श्यामा॰, पृ॰ ६ ।