प्रकाशितकोशों से अर्थ

सम्पादन

शब्दसागर

सम्पादन

कलाम संज्ञा पुं॰ [अ॰]

१. वाक्य । वचन । उक्ति ।

२. बातचीत । कथन । बात ।

३. वादा । प्रतिज्ञा । उ॰—पुनि नैन लगाइ बढ़ाइ के प्रीति निबाहन को क्यों कलाम कियो है ।—हरिश्चंद्र (शब्द॰) । क्रि॰ प्र॰—करना ।

२. उज्र । वक्तव्य । एतराज । उ॰—दहन पर हैं उनके गुमाँ कैसे कैसे । कलाम आते हैं दर्मियाँ कैसे कैसे ।—प्रेमघन॰, भा॰ २, पृ॰ ४०७ । मुहा॰—कलाम होना=संदेह होना । शंका होना । जैसे, —तुम्हारी सचाई में कोई कलाम नहीं है ।