प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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कर्मवाच्य क्रिया संज्ञा स्त्री॰ [सं॰] वह क्रिया जिसमें कर्म मुख्य होकर कर्ता के रूप से आया हो और जिसका लिंग, वचन उसी कर्म के अनुसार हो । जैसे,—पुस्तक पढ़ी जाती है ।