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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

करुणा संज्ञा स्त्री॰ [सं॰] वह मनोविकार या दुःख जो दूसरों के दुःख के ज्ञान से उत्पन्न होता है और जो दूसरों के दुःख को दूर करने की प्रेरण करता है । दया । रहम । तर्स । यौ.—करुणाकर । करूणानिधि । करुणासिंधु । करुणामय । करुणायतन । करुणार्द्र, इत्यादि ।

२. वह दुःख जो अपने प्रिय बंधु, इष्ट मित्रादि के वियोग से उत्पन्न होता है । शोक ।

३. करना का पेड़ । उ॰—सिय को कछ सोध कहौ करुणामय सो करुणा करुणा करिक ।—राम चं॰ पृ॰ ७९ ।