प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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करमात पु संज्ञा पुं॰ [सं॰ कर्म ] कर्म । भाग्य । किस्मत । नसीब । उ॰— सुनु सजनी मेरी एक बात । तुम तौ अति ही करति बड़ाई मन मेरो सरमात । मोसों हैसति स्याम तुम एकै यह सुनि कै भरमात । एक अंस को पार न पावति चकित होइ भरमात । वह मूरति द्वै नैन हमारे लिखा नहीं करमात । सूर (शब्द॰) ।