करड़ करड़ संज्ञा पुं॰ [अनु॰] १. किसी वस्तु के बार बार टूटने या चिटकने का शब्द ।२. दाँतों के नीचे पड़कर बार बार टूटने का शब्द । जैसे,—कुत्ता करड़ करड़ करके हड्डी चबा रहा है ।