प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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कबाबचीनी संज्ञा स्त्री॰ [अ॰ कबाबा+ हिं॰ चीनी]

१. मिर्च की जाति की एक लिपटनेवाली झाड़ी जो सुमात्रा, जावा आदि टापुओं तथा भारतवर्ष में भी कहीं कहीं होती है । विशेष—इसकी पत्तियाँ कुछ कुछ बेर की सी पर नुकीली होती है और उनकी खड़ी नसें उभड़ी हुई मालूम होती हैं । इसमें मिर्च के से गोल गोल फल गुच्छों में लगते हैं । ये फल मिर्च से कुछ मुलायम खाने में कड़ुए और चरपरे होते हैं । इनके खाने के पीछे जीभ बहुत ठंढ़ी मालूम होती है । वैद्यक में इसे दीपन, पाचक और रेचक कहा है ।

२. कबाबचीनी का फल ।