कथनी
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादनकथनी पु संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ कथन+ई (प्रत्य॰)]
१. बात । कथन । कहना ।उ॰—(क) कथनी थोथी जगत में करनी उत्तम सार । कहै कबीर करनी भली उतरै भव जग पार ।—कबीर (शब्द॰) । (ख) करनी है पातर कथनी है दोना ।—धरम॰, पृ॰ ६५ ।
२. हुज्जत । बकवाद । क्रि॰ प्र॰—कथना ।—करना ।
कथनी कथै अपार । या बानाँ क्यों पाईए साहिब को दीदार ।—राम॰ धर्म॰, पृ॰ २७९ ।