कतलाम संज्ञा पुं॰ [अ॰ कतले+ आम] सर्वसाधारण का वध । सबका वध । बिना बिचारे अपराधी, निपराध, छोटे बड़े सबका संहार । सर्वसंहार । उ॰—जहा परै कतलाम करै सब नित नव जोबनवारी ।—भारतेंदु ग्रं॰, भा॰२, पृ॰ ४१४ ।