प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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ककना † संज्ञा पुं॰ [सं॰ कङ्कण] दे॰ 'कंगन' । उ॰ — नेह बिगरही दोहरी सजनी, ककना अकिल के ढार हो । —कबीर श॰, पृ॰ १३४ ।