प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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कंपास संज्ञा स्त्री॰ [अं॰] एक प्रकार का यंत्र जिससे दिशाओं का ज्ञान होता है । दिग्दर्शक । कुतुबनुमा । विशेष—यह एक छोटी सी डिबिया होती है जिसमें चुंबक की एक छोटी सी सूई होती है जिसका सिरा सदा उत्तर को रहता है । इसमें लोगों को दिशाओं का ज्ञान होता है । यह समुद्र में माझियों और स्थल में नापनेवालों और नकशे बनानेवालों के लिये बड़ा उपयोगी है । यौ॰—कंपासघर = जहाज में वह स्थान जहाँ कंपास रहता है ।

२. परकार । ज्यामिति के काम में आनेवाला एक मापयंत्र ।

३. एक यंत्र जिससे पैमाइश में लैन डालते समय समकोण का अनुमान किया जाता है । अं॰ राइटैंगिल । मुहा॰—कंपास लगाना = (१) नापना । (२) ताक झाँक करना । फँसाने की घात में रहना ।