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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

कंडिका ।

३. स्तोत्र । स्तुति । उ॰—लगे पढ़न रच्छा ऋचा ऋषिराज बिराजे ।—तुलसी ग्रं॰, पृ॰ २७१ ।

कंडिका संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ कण्डिका]

१. वेद की ऋवाओं का समूह ।

२. वैदिक ग्रंथों का एक छोटा वाक्य, खंड या अवयव । पैरा ।