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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

कंठमणि संज्ञा पुं॰ [सं॰ कण्ठमणि]

१. गले में पहना गया रत्न । उ॰—गजमुकुता कर हार कंठमनि मोहइ हो ।—तुलसी ग्रं॰, पृ॰ ४ ।

२. घोडे की एक भँवरी जो कंठ के पास होती है ।

३. अत्यंत प्रिय वस्तु (को॰) ।