कँकरीला वि॰ [हिं॰ कंकड़] [स्त्री॰ कँकड़ीली] कंकड़ मिला हुआ । जिसमें कंकड़ अधिक हों । उ॰—फिर फिर भूलि उहै गहै, पिय कँकरीली गैल ।—बिहारी (शब्द॰) ।