औसर पु संज्ञा पुं॰ दे॰ १. 'अवसर' । उ॰—अटक हीण असपती, पाप छित औसर पायौ । रद करबा रज्जियाँ, दुरद जेहौ मद आयौ ।—रा॰ रू॰, पृ॰ १९ । २. बारी । पारी । उ॰— पाँच पति एक नारि औसरे सों मानी है ।—गंग॰, पृ॰ १३१ ।