हिन्दी सम्पादन

प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

औसत संज्ञा पु॰ [अ॰]

१. वह संख्या जो कई स्थानों की भिन्न भिन्न संख्याओं को जोड़ने और उस जोड़ को, जितने स्थान हों उतने से भाग देने पर निकलती हो । बराबर का परता । समष्टि का सम विभाग । सामान्य । जैसे,—एक मनुष्य ने एक दिन १०), दूसरे दिन २०), तीसरे दिन १५) और चौथे दिन ३५), कमाए, तो उसकी रोज की औसत आमदनी २०) हुई ।

२. माध्यमिक । दरमियानी । साधारण । मामूली । जैसे,—वह औसत दरजे का आदमी है ।