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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

औपसान ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. वह वैदिक अग्नि जो उपासना के लिये हो । गृह्याग्नि ।

२. कृत्य जो औपासन अग्नि के पास किया जाय ।

३. पितरों को देय पिंड [को॰] ।