प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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औतरना पु क्रि॰ अ॰ [सं॰ अवतरण] दे॰ 'अवतरना' । उ॰— (क) मीन की मराल की ममोले मृग मुकुर की मानिनी मनोंज जग जीतिबे औतरी है ।—गंग॰, पृ॰ ३७ । (ख) औसर बीतै फिरि पछतावै । औतरि औतरि या तें आवे ।—सुंदर॰ ग्रं॰, भा॰ १, पृ॰ २२० ।