प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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औझड़ ^१ क्रि॰ वि॰ [सं॰ अव+हिं॰ झड़ी] लगातार । निरंतर । उ॰—होय बेअकलि तन की सुधि जाई । औझड़ भरमें राहि न पाई ।—प्राण॰; पृ॰ १५६ । मुहा॰—औझड़ मारना या लगाना=वार पर वार करना । धड़ाधड़ चाँटे लगाना ।

औझड़ † ^२ संज्ञा पुं॰ [देश॰]

१. सयाना । बृद्ध । गुणी ।

२. उजाड़ । वीरान स्थान । उ॰—बड़ी बड़ आँखी किछु सूझे नाहीं । राह छाँड़ औझड़ क्यों पाहीं । —प्राण॰, पृ॰ ३२ ।