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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

ओपची संज्ञा पुं॰ [हिं॰ ओप( = चमक)+तु॰ ची (प्रत्य॰) = वाला] वह जोधा जिसके शरीर पर झिलिम चमकता है । कवचधारी योद्धा । रक्षक योद्धा । उ॰—(क) किते बीर तनुत्रान को अंग साजैं । किते ओपची ह्वै धरे ओप गाजैं ।—सूदन (शब्द॰) । (ख) जिरही सिलाही ओपची उमड़े हथ्यारन कों लिये ।—पद्माकर ग्रं॰, पृ॰ ११ । यौ॰ओपचीखाना = चौकी ।