ओदरना पु † क्रि॰ अ॰ [सं॰ अवदारण, हिं॰ ओंदारना] १. विदीर्ण होना । फटना । २. छित्र भिन्न होंना । दहना । नष्ट होना । जैसे, —घर ओदरना । उ॰—फूटहिं कोंट फूट जनु सीसा । ओदरहिं बरुज जाहिं सब पीसा ।—जायसी ग्रं॰, पृ॰ २३४ ।