प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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ओड़व संज्ञा पुं॰ [सं॰] राग का एक भेद जिसमें 'सा ग म ध नि' ये पाँच स्वर आते हैं । इसमें ऋषम और पंचम वर्जित हैं । मलार आदि राग इसके अंतर्गत हैं । यौ॰—ओडव षाडव=संगीत में ओड़व का एक भेद । इसके आरोह में पाँच स्वर और अवरोह में छह स्वर प्रयुक्त किए जाते हैं । ओंडव संपूण=यह भी ओडव का एक भेद है । जिसके आरोह में पाँच स्वर और अवरोह में संपूर्ण अर्थात् सात स्वरों का प्रयोग किया जाता है ।