ओजक पु संज्ञा पुं॰ [हिं॰ उझकना] उछल कूद । क्रीड़ा । आनंद । उ॰—लाडो लाडी जाय लडावण रात्यूँ ओजक सारै । जन हरिराम फिरै मन फीटि ध्यान न हरि का धारै ।—राम॰ धर्म॰, पृ॰ १७३ ।