ओघर
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादनओघर वि॰ [सं॰ अव+घट]
१. अटपट । अनगढ़ । अंडबंड । उलटा- पलटा । 'सुघर' का प्रतिकूल ।
२. अनोखा । विलक्षण । उ॰— (क) कुंजबिहारी नाचत नीकें लाडिली नचावति नीके । औघर ताल धरे श्रीश्यामा मिलवत ताताथेई ताथेई गवत सँग पी के ।—हरिदास (शब्द॰) । (ख) बलिहारी वा रूप की लेति सुघर औ औघर तान दै चुंबन आकर्षति प्रान ।—सूर (शाब्द॰) । (ग) मोहन मुरली अधर धरी । औघर तान बँधान सरस सुर अरु उमगि भरी ।—सूर (शब्द॰) ।