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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

ओखली संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ उलूखलिका; प्रा॰ ओक्खली] काठ या पत्थर का बना हुआ गहरा बरतन जिसमें धान या और किसी अन्न को डालकर भूसी अलग करने के लिये मूसल से कूटते हैं । काँडी । हावन । मुहा॰—ओखली में सिर देना=अपनी इच्छा से किसी झंझट मे ं पड़ना । कष्ट सहने पर उतारू होना । जैसे, —अब तो हम ओखली में सिर दे ही चुके हैं, जो चाहे सो हो ।