हिन्दी सम्पादन

प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

ऐरण † संज्ञा पुं॰ [सं आहनन, आ+घनवा आ+धरण] दे॰ 'अहरन' । निहाई । उ॰—लोहा होय तो ऐरण मंगाऊँ धण की चोट दिराऊँ ।—राम॰ धर्म॰, पृ॰ ४४ ।