प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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ऐपै पु क्रि॰ वि॰ [हिं॰ ऐ+पै] इतने पर भी । ऐते पै । उ॰—(क) ऐपै कहुँ बाको मुख देखन न पाइयै ।—घनानंद॰, पृ॰ ४६८ । (ख) उपजे बनिक कुल सेवे कुल अच्युत को, ऐपे नहि बने एक तिया रहे पास है ।—(भक्तमाल) श्रीभक्ति॰, पृ॰ ५५९ ।