प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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एतबार संज्ञा पुं॰ [अ॰] विश्वास । प्रीति । धाक । साख । उ॰— आप जो कुछ करार करते हैं । कहिए हम एतबार करते हैं ।—शेर, भा॰१, पृ॰ १४५ । क्रि॰ प्र॰—करना ।—मानना । होना । मुहा॰—(किसी का) एतबार उठना=किसी के ऊपर से लोगों का विश्वास हटना । (किसी का) अविश्वास होना । जैसे,— 'उनका एतबार उठ गया है इससे उन्हें कहीं उधार भी नहीं मिलता । एतबार खोना=अपने ऊपर से लोगों का विश्वास हटना । जैसे,—तुमने अपनी चाल से अपना एतबार खो दिया । एतबार जमाना=विश्वास उत्पन्न होना ।