प्रकाशितकोशों से अर्थ

सम्पादन

शब्दसागर

सम्पादन

एकादशी संज्ञा स्त्री॰ [सं॰] प्रत्येक चांद्र मास के शुक्ल और कृष्ण पक्ष की ग्यारहवीं तिथि । विशेष—वैष्णव मत के अनुसार एकादशी के दिन अन्न खाना दोष है । इस दिन लोग अनाहार या फलाहार व्रत करते हैं । व्रत के लिये दशमीविद्धा एकादशी का निषेध है और द्वादशी- विद्धा ही ग्राह्य है । वर्ष में चौबीस एकादशी होती हैं जिनके जिनके नाम अलग हैं, जैसे, भीमसेनी, प्रबोधिनी, हारिशयनी, उप्तन्ना इत्यादि । मुहा॰—एकादशी मनाना=भूखे रहना । बिना भोजन के रहना । उ॰—इस महँगी से नित एकादशी मनाते, लड़के बाले सब घर में हैं चिल्लाते । —कविता कौ॰, भा॰२, पृ॰ ३७ ।