एकपत्नीव्रत संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. एक को छोड़ दूसरी स्त्री से विवाह या प्रेम संबंध न करने का व्रत ।
२. केवल एक विवाहिता पत्नी को छोड़कर और स्त्री से विवाह या प्रेम संबंध न करने का व्रत । उ॰—'राम के तरह एकपत्नीव्रत कर सकूँगा तो कर लूँगा ।—इंद्र॰, पृ॰ ५० ।