एकत्वभावना
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादनएकत्वभावना संक्षा स्त्री॰ [सं॰] जैन शास्त्रानुसार आत्मा की एकता का चिंतन । जैसे—जीव अकेला ही कर्म करता है और अकेला ही उसका फल भोगता है, अकेले ही जन्म लेता और मरता है । इसका कोई साथी नहीं; स्त्रीपुत्रादि सब यहीं रह जाते हैं । यहाँ तक कि उसका शरीर भी यहीं छूट जाता है । केवल उसका कर्म ही उसका साथी होता है, इत्यादि बातों का सोचना ।