एकज ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰] १. जो द्विज न हो । शुद्र । २. राजा । ३. सगा भाई [को॰] ।
एकज ^२ वि॰ [एक +एव, प्रा॰ ज्जेव जेव] एक ही । एकमात्र । उ॰—थली जो चरता मिरिगला बेधा एकज सौन । हम तो पंथी पंथ सिर हरा चरैगा कौन ।—कबीर (शब्द॰) ।